Hartalika Teej 2022: प्रदोषकाल में आज कैसे करें हरतालिका तीज की पूजा? पारण के नियम भी जानें

时间:2023-09-26 04:53:54来源:कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 live作者:आयपीएल time table 2023
:हिंदू धर्म में हरतालिका तीज का विशेष महत्व है. भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरतालिका तीज मनाई जाती है. आज 30 अगस्त,प्रदोषकालमेंआजकैसेकरेंहरतालिकातीजकीपूजापारणकेनियमभीजानें मंगलवार को हरतालिका तीज का पावन पर्व मनाया जा रहा है. आज के दिन महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं. सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत करती हैं. आइए जानते हैं कि हरतालिका तीज पर प्रदोष काल की पूजन विधि क्या है और हरतालिका तीज व्रत का पारण कैसे करें.हरतालिका तीज पर 24 घंटे के लिए निर्जला व्रत रखा जाएगा. हिंदू पंचांग के अनुसार हरतालिका तीज व्रत का पारण 31 अगस्त, बुधवार यानी अगले दिन सूर्योदय से पूर्व हरतालिका तीज की आखिरी पूजा के बाद किया जाएगा.हरतालिका तीज का व्रत बिना खाए और पीए रखा जाता है. अगले दिन सूर्योदय से पहले स्नान करके गौरीशंकर की पूजा करें. उनका विसर्जन करने के बाद जल ग्रहण कर व्रत खोलें. हरतालिका तीज व्रत के पारण में फल, खीरा और मिष्ठान भोग में चढ़ाएं. हरतालिका तीज पूजा के दौरान जो धोती और अंगोछा चढ़ाया जाता है, उसे चरण स्पर्श करने के बाद ब्राह्मणी और ब्राह्मण को दान देना चाहिए. हिंदू मान्यता के अनुसार किसी व्रत को कभी भी नमक या तले हुए खाने से ना खोलें. वहीं हरतालिका तीज व्रत के पारण का भी नियम हैं.हरतालिका तीज प्रदोषकाल में किया जाता है. सूर्यास्त के बाद प्रदोषकाल का समय शाम 06:33 से शुरू होकर रात 08:51 तक रहेगा. यह समय दिन और रात के मिलन का समय होता है. प्रदोषकाल में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है. भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की बालू रेत व काली मिट्टी की प्रतिमा हाथों से बनाएं. पूजा स्थल को फूलों से सजाकर एक चौकी रखें और उस चौकी पर केले के पत्ते रखकर भगवान शंकर, माता पार्वती और भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें. रातभर जागरण करें और कथा सुनें.
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