राजस्थान की न्यायिक सेवा में MBC के लिए पांच गुना बढ़ा आरक्षण

时间:2023-09-24 19:49:50来源:कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 live作者:सत्येंद्र कुमार जैन
राजस्थान कांग्रेस में सियासी शह-मात का खेल अभी खत्म नहीं हुआ है. सचिन पायलट के बगावती रुख के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस के समीकरण को दुरुस्त करने में जुट गए हैं. गहलोत कैबिनेट ने गुर्जरों सहित अति पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को राजस्थान न्यायिक सेवा में एक प्रतिशत के स्थान पर 5 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला किया है. इसे गहलोत सरकार की ओबीसी समुदाय को साधने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है. राजस्थान में अति पिछड़ा वर्ग के लोग काफी समय से न्यायिक सेवा नियमों में संशोधन की मांग कर रहे थे ताकि उन्हें राज्य न्यायिक सेवा में 5 प्रतिशत आरक्षण मिल सके. सियासी संकट से घिरी गहलोत सरकार ने अति पिछड़े समुदाय की इस मांग को अमलीजामा पहनाने का काम किया है. सरकार ने न्यायिक सेवा नियम,राजस्थानकीन्यायिकसेवामेंMBCकेलिएपांचगुनाबढ़ाआरक्षण 2010 में संशोधन कर मास्टर स्ट्रोक चला है. गहलोत के इस दांव से गुर्जर समुदाय के साथ गुर्जर, रायका-रैबारी, गाडिया-लुहार, बंजारा, गडरिया आदि अति पिछड़ा समाज के अभ्यर्थियों को राजस्थान न्यायिक सेवा में 5 फीसदी आरक्षण का लाभ मिल सकेगा. राजस्थान में अब न्यायिक सेवा में कुल 55 प्रतिशत आरक्षण हो गया. राज्य की सभी सरकारी सेवाओं में गुर्जर सहित पांच जातियों को अति पिछड़ा वर्ग में पांच प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है. रविवार को अति पिछड़ा वर्ग की पांच जातियों को पांच प्रतिशत आरक्षण देने के निर्णय को राजनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.प्रदेश में गुर्जर समाज के बड़े नेता माने जाने वाले सचिन पायलट द्वारा सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत करने के बाद गुर्जरों में सरकार को लेकर नाराजगी बढ़ रही थी. ऐसे में माना जा रहा है कि गुर्जर समुदाय की नाराजगी को कम करने के लिए गहलोत ने यह निर्णय लिया है. आगामी दिनों में गुर्जर समाज को खुश करने के लिए कुछ और निर्णय लिए जा सकते हैं. पायलट द्वारा गहलोत के खिलाफ बगावत करने के बाद गुर्जर समाज के लोगों ने कुछ स्थानों पर सीएम के खिलाफ एकत्रित होकर नारेबाजी की थी. तीन-चार स्थानों पर सीएम के पुतले भी जलाए गए थे. साल 2007 से 2009 तक हुए हिंसक गुर्जर आरक्षण आंदोलन में 68 लोगों की मौत हुई थी, सरकारी संपतियों का भी काफी नुकसान हुआ था. इसके बाद वसुंधरा सरकार ने गुर्जर समाज को अति पिछड़ा वर्ग में आरक्षण दिया था, जिस पर 2011 में हाईकोर्ट से रोक लग गई थी.इसके बाद फिर आंदोलन शुरू हुआ 2019 में अशोक गहलोत सरकार ने विधानसभा में विधेयक पारित करा कर गुर्जर सहित पांच जातियों को अति पिछड़ा वर्ग में आरक्षण दिया. विधानसभा में एक संकल्प पारित करा कर केंद्र सरकार को भेजकर इसके संविधान की नौवीं अनुसूची में डलवाने का आग्रह किया. इस तरह से गहलोत लगातार अतिपिछड़ा समुदाय को साधे रखने का बड़ा दांव चल रहे हैं.
相关内容
热点内容