केरलः आरएसएस के मजबूत दुर्ग में क्यों जगह नहीं बना पा रही है बीजेपी?

时间:2023-09-24 11:59:15来源:कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 live作者:আজকের ওয়েদার
केरल में 6 अप्रैल को विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होनी है,केरलःआरएसएसकेमजबूतदुर्गमेंक्योंजगहनहींबनापारहीहैबीजेपी जबकि 2 मई को वोटों की गिनती होगी. 140 विधानसभा सीटों पर हो रही लड़ाई में लेफ्ट पार्टियों की अगुवाई वाले लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) और कांग्रेस के नेतृत्व वाले युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के बीच कांटे का मुकाबला है. देश की सत्ता पर पिछले सात साल से काबिज बीजेपी का केरल विधानसभा में सिर्फ एक विधायक हैं. ये हाल तब है जब राज्य में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ की 4500 से भी ज्यादा शाखाएं और 30 हजार सक्रिय कार्यकर्ता हैं. सवाल उठता है कि आखिर इसकी वजह क्या है?आरएसएस के विचारक संदीप महापात्र इसके जवाब में कहते हैं कि आरएसएस और बीजेपी दोनों अलग है. बीजेपी एक राजनीतिक पार्टीं है जबकि संघ एक सामाजिक संगठन है. आरएसएस पिछले 60 वर्षों से केरल में खुद को मजबूत कतने में लगा है. इस दौरान हमारे कई स्वयंसेवकों ने अपनी जान भी गंवाई है. बीजेपी का वोट शेयर भी यहां बढ़ रहा है. साल 2016 में हुए चुनावों में बीजेपी का वोट प्रतिशत 11 रहा. जबकि एनडीए को 15 प्रतिशत वोट मिले. आने वाले समय में बीजेपी केरल में एक मजबूत पार्टी बनकर उभरेगी.ईसाई समुदाय को अपने साथ लाने की संघ की कोशिशों पर आरएसएस विचारक ने कहा कि संघ अपनी विचारधारा में चलने वाला संगठन है और इस विचारधारा में कोई अन्य विचारधारा का व्यक्ति आकर जुड़ना चाहता है तो इसमें हर्ज ही क्या है. मुस्लिम समुदाय के पढ़े लिखे नौजवानों का भी बीजेपी की ओर झुकाव बढ़ा है. ये वही युवा हैं जो कट्टरता को छोड़ने व देश के विकास की बात करते हैं. ऐसा केवल केरल में नहीं बल्कि देश के हर राज्य में है.क्या आप मानते हैं कि दक्षिण भारत के प्रदेशों में बीजेपी और आरएसएस के लिए भाषा एक बड़ा बैरियर रहा है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि नहीं मेरा मानना है कि आरएसएस के लिए भाषा का कोई बैरियर नहीं रहा है. आरएसएस एक देश एक मनोदशा की बात करता है. देश के लिए चिंता करें. देश के विरुद्ध कोई काम ना हो. केवल और केवल यहीं मूल मंत्र है संघ का.वो पांच वजहें जिनके चलते राज्य में बीजेपी अपने लिए एक अवसर देख रही है? महापात्र बताते हैं कि सबसे पहले तो केरल में एक नवजागृति हो रही है और दूसरी बात की बीजेपी राज्य में एक मजबूत संगठन के रूप में उभर रही है. तीसरा मुद्दा है कि केरल में लोग सामाजिक परिवर्तन के लिए आतुर हो रहे हैं. लोगों को लग रहा है कि वर्तमान सरकार पर लोगों को भरोसा नहीं है. चौथा कारण सेंट्रल केरल में क्रिश्चियन कम्युनिटि के लोग बीजेपी के साथ हैं. पांचवां कारण वर्तमान सरकार में कई उच्च पदों पर बैठे लोग हैं जो भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए हैं. वामपंथ सरकार की जो छवि रही है पारदर्शिता की वो केरल में धूमिल हो रही है. यही वजह है कि लोगों का बीजेपी की ओर झुकाव बढ़ा है.
相关内容
热点内容